Table of Contents
1.द्रव्य(materials) और एनर्जी
2. उत्पत्ति—– एब जॉज लेमेंतेयर का महाविस्फोट सिद्धांत
3.— उत्पत्ति एक अतिसूक्ष्म परमाणु —- अवधारणा— सत्येंद्र नाथ बोस —- बोसन थ्योरी — हिग्स ने इसे गड पर्टिकल
4.—— गॉड पार्टिकल एक जगह—– महाविस्फोट—– अतिसूक्ष्म परमाणु ने पूरे ब्रह्मांड ——-
5.2001 में नासा ने मैप(MAP) नामक प्रयोग ——- 2010 में जेनेवा में —— 50 मीटर गहरा और 27 किलोमीटर लंबा लार्ड हैडृन कोलाईडर (LHC)——– सब एटॉमिक पार्टिकल——- गॉड पार्टिकल का ही एक प्रतिरूप
6.100 अरब मंदाकिनी (Galaxies)—— 100 अरब तारे(Stars)
1.सभी द्रव्य(materials) और एनर्जी का सम्मिलित रूप ही ब्रम्हांड(Universe) है|
2.ब्रम्हांड(Universe) के उत्पत्ति के बहुत सारे नियम हैं जिसमें सबसे मान्य नियम- एब जॉज लेमेंतेयर का महाविस्फोट सिद्धांत (Big Bang Theory) है।
3. माना जाता है कि पूरे ब्रह्मांड का उत्पत्ति एक अतिसूक्ष्म परमाणु से हुआ है जिसका अवधारणा सबसे पहले हमारे देश के वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस ने बोसन थ्योरी के नाम से जाना जाता है बाद में अंग्रेज वैज्ञानिक हिग्स ने इसे गड पर्टिकल (God Particle) का नाम दिया।
4. माना जाता है कि यह गॉड पार्टिकल एक जगह में स्थित था और महाविस्फोट के साथ इस अतिसूक्ष्म परमाणु ने पूरे ब्रह्मांड का रचना किया ।
5. 2001 में नासा ने मैप(MAP) नामक प्रयोग द्वारा इस बात की पुष्टि की एवं 2010 में जेनेवा में पृथ्वी की सतह से 50 मीटर गहरा और 27 किलोमीटर लंबा लार्ड हैडृन कोलाईडर (LHC) के सहारे एक सब एटॉमिक पार्टिकल का खोज किया जिसे गॉड पार्टिकल का ही एक प्रतिरूप माना जाता है|
6. ब्रम्हांड में अनुमानतः 100 अरब मंदाकिनी (Galaxies) है और प्रत्येक मंदाकिनी में करीब-करीब 100 अरब तारे(Stars) हैं|
एक मंदाकिनी —— बहुत सारे — आकाशगंगा(Milky Way)
आकाशगंगा—— हाइड्रोजन गैस —– बादल—- सिकुड़ने
निहारिका—- आकाशगंगा
हमारा सौरमंडल (Solar System) ——- आकाशगंगा के अंदर —–
दुग्ध मेखला(Milky way)
——- दण्ड सर्पिलाकार(Barred Spiral)
हमारे मंदाकिनी (Galaxies)——- निकटतम—— देवयानी (Andromeda)–
– नवीनतम—— ड्वार्फ मंदाकिनी
ओरियन नेबुला —- आकाशगंगा—– शीतल और चमकीले तारों
पहले टेलिस्कोप —– 1610 ईस्वी — गैलेलियो—- पृथ्वी की आकाशगंगा
- एक मंदाकिनी में बहुत सारे आकाशगंगा(Milky Way) होते हैं
- आकाशगंगा का निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस के विशाल बादल के एकाएक सिकुड़ने से बनता है|
- निहारिका से आकाशगंगा बनता है|
- हमारा सौरमंडल (Solar System) भी एक आकाशगंगा के अंदर स्थित है जिसे हम दुग्ध मेखला(Milky way) कहते हैं|
11.हमारा आकाशगंगा दण्ड सर्पिलाकार(Barred Spiral) है |
- हमारे मंदाकिनी (Galaxies) के सबसे निकटतम मंदाकिनी (Galaxies) का नाम देवयानी (Andromeda) है और सबसे नवीनतम मंदाकिनी जिसका हाल ही में खोज हुआ है उसका नाम ड्वार्फ मंदाकिनी है।
- ओरियन नेबुला हमारी आकाशगंगा का सबसे शीतल और चमकीले तारों का समूह है।
- सबसे पहले टेलिस्कोप के सहारे गैलेलियो ने पृथ्वी की आकाशगंगा को देखा था 1610 ईस्वी में।
सौर मंडल(Solar System)——- केंद्र में सूर्य (Sun)—— विभिन्न ग्रह (Planets),
बौनाग्रह (Dwarf Planets), क्षुद्रग्रह (Asteroids), धूमकेतुओं (Comets) और
उल्काएं(Meteors)
सूर्य——- दुग्ध मेखला — केंद्र से 30,000 — एक कोने में
दुग्ध मेखला —- 250 किलोमीटर प्रति सेकंड —– 25 करोड़ वर्ष—- ब्रह्मांड वर्ष
(Cosmic Year)
सूर्य—– पूर्व (East) से पश्चिम(West)
सूर्य —– 71% और हीलियम 26.5%
सूर्य के केंद्रीय —– Core—- 15,00,000 डिग्री सेल्सियस – बाहरी– 6000 डि0 से0
21.—- उम्र 5 बिलियन वर्ष
—- 8 मिनट 16.6 सेकेंड
—— डायमीटर पृथ्वी —– सौ गुना —- आयतन—– 100000 गुना ज्यादा
प्लेनेमस सौर मंडल(Solar System) —— लगभग जुड़वाँ
नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion)—- हाईड्रोजन के 4 नाभिक — एक हीलियम
- सौर मंडल(Solar System) के केंद्र में सूर्य (Sun) होता है और इसके चारों तरफ विभिन्न ग्रह (Planets), बौनाग्रह (Dwarf Planets), क्षुद्रग्रह (Asteroids), धूमकेतुओं (Comets) और उल्काएं(Meteors) निरंतर चक्कर लगाते रहते हैं|
- 16. सूर्य हमारी मंदाकिनी दुग्ध मेखला के केंद्र से 30,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक कोने में स्थित है|
- 17. हमारी दुग्ध मेखला मंदाकिनी 250 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से 25 करोड़ वर्ष में एक चक्कर लगाती है जिसे ब्रह्मांड वर्ष (Cosmic Year) बोला जाता है |
- 18. सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व (East) से पश्चिम(West) की ओर घूमता है|
- 19. सूर्य एक गैस का गोला है जिसमें हाइड्रोजन 71% और हीलियम 26.5% है|
- 20. सूर्य के केंद्रीय भाग को Core बोला जाता है जिस का तापमान 15,00,000 डिग्री सेल्सियस है और इसके बाहरी सतह का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस है|
- सूरज का उम्र 5 बिलियन वर्ष है|
- 22. सूरज का प्रकाश हमारे पृथ्वी पर आने में 8 मिनट 16.6 सेकेंड लगता है|
- 23. सूरज का डायमीटर पृथ्वी के व्यास से सौ गुना ज्यादा है तथा आयतन में पृथ्वी से 100000 गुना ज्यादा है|
- 24. प्लेनेमस सौर मंडल(Solar System) का लगभग जुड़वाँ है।
- 25. सूर्य मे नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) होता है जिससे हाईड्रोजन के 4 नाभिक मिलकर एक हीलियम नाभिक का निर्माण करते हैं
सूरज—- नजदीकी तारा (Star)—- प्रॉक्सिमा सेंचुरी —-
पलसर तारा (Pulsar Star) — अक्ष पर अत्यंत तेजी
सूर्य के बाहरी हिस्से—- सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse)— देखा— (Corona) — का मुकुट
सौरमंडल में — शुक्र (Venus) और बुध (Mercury) — प्राकृतिक उपग्रह (Natural Satellite)
संपूर्ण सौरमंडल— प्राकृतिक उपग्रहों —-139
——- पृथ्वी पर जल चक्र(water cycle) —- जलमंडल वायुमंडल और स्थलमंडल
क्षुद्रग्रह (Asteroids) मंगल(Mars) और बृहस्पति (Jupiter)के मध्य क्षेत्र — सूर्य की परिक्रमा —– सैकड़ों किलोमीटर लंबे आकार — उत्पत्ति ग्रहों के टूटने—–
क्षुद्रग्रह (Asteroids)जब पृथ्वी— पृथ्वी पृष्ठ पर विशाल गर्त—– महाराष्ट्र में लोनार झील
दो सूर्यास्तों — सामाय अंतराल — पृथ्वी की त्रिज्या
- सूरज के सबसे नजदीकी तारा (Star) को प्रॉक्सिमा सेंचुरी कहते हैं|
27.पलसर तारा (Pulsar Star) एक उच्च चुंबकीय तारा है और यह अपने अक्ष पर अत्यंत तेजी से घूमने के कारण इसे पलसर तारा बोला जाता है|
28. सूर्य के बाहरी हिस्से को केवल सूर्य ग्रहण (Solar Eclips) के समय देखा जा सकता है जिसे कोरोना (Corona) कहते हैं-इसे सूर्य का मुकुट भी बोलते हैं|
29. सौरमंडल में केवल शुक्र (Venus) और बुध (Mercury) ग्रह क्या कोई प्राकृतिक उपग्रह (Natural Satellite) नहीं पाया जाता है|
30.संपूर्ण सौरमंडल में प्राकृतिक उपग्रहों की संख्या 139 है|
31. अभी तक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार केवल पृथ्वी पर जल चक्र(water cycle) मौजूद है– जलमंडल वायुमंडल और स्थलमंडल के बीच जल का परिसंचरण को जलचक्र बोला जाता है|
32. क्षुद्रग्रह (Asteroids) मंगल(Mars) और बृहस्पति (Jupiter)के मध्य क्षेत्र में सूर्य की परिक्रमा करने वाले छोटे से लेकर सैकड़ों किलोमीटर लंबे आकार के पिंड हैं जिन की उत्पत्ति ग्रहों के टूटने से हुए हैं|
33. क्षुद्रग्रह (Asteroids)जब पृथ्वी से टकराता है तो पृथ्वी पृष्ठ पर विशाल गर्त बनाता है जैसे कि महाराष्ट्र में लोनार झील ऐसे ही एक क्षुद्रग्रह (Asteroids) से बना है|
34. दो सूर्यास्तों के सामाय अंतराल से पृथ्वी की त्रिज्या का अनुमान लगाया जा सकता है।
35. पृथ्वी को नीला—— पानी—- अंतरिक्ष से नीला
शुक्र ग्रह (Venus) —– जुड़वा बहन —– त्रिज्या पृथ्वी के —-
शुक्र ग्रह (Venus) के सतह —- 462 डिग्री सेल्सियस — कार्बन डाइऑक्साइड — सोलर
सिस्टम का सबसे गर्म और चमकीला ग्रह
शुक्र ग्रह (Venus) — निकटवर्ती दूसरा —- परिक्रमा 225 —- पूरब से पश्चिम दिशा —
——- ग्रहों में सबसे चमकीला—– शाम का तारा (Evening Star) — सुबह का तारा
(Morning Star)
——- शाम को पश्चिम(West) दिशा—– पूरब(East) की दिशा ——
35. पृथ्वी को नीला ग्रह बोला जाता है क्योंकि पानी के कारण यह अंतरिक्ष से नीला दिखाई देता है।
36.शुक्र ग्रह (Venus) को पृथ्वी का जुड़वा बहन बोला जाता है क्योंकि शुक्र ग्रह (Venus) का त्रिज्या पृथ्वी के बराबर है|
37.शुक्र ग्रह (Venus) के सतह का तापमान 462 डिग्री सेल्सियस हैऔर इसके वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की अत्याधिकता होने के कारण यह हमारे सोलर सिस्टम का सबसे गर्म और चमकीला ग्रह है|
38. शुक्र ग्रह (Venus) सूरज के निकटवर्ती दूसरा ग्रह है और सूरज की परिक्रमा 225 दिन में करता है और यह परिक्रमा पूरब से पश्चिम दिशा में करता है|
39. शुक्र ग्रह (Venus) ग्रहों में सबसे चमकीला ग्रह है-इसे शाम का तारा (Evening Star) और सुबह का तारा(Morning Star) भी बोला जाता है|
40. शुक्र ग्रह (Venus) शाम को पश्चिम(West) दिशा में और सुबह को पूरब(East) की दिशा में आकाश में चमकता दिखाई देता है |.