आपको बस एक काम (One activity) ही तो करना है। आपके इस एक काम से आपके जीवन की दिशा और दशा बदल (change your life) जाएगी। काम कठिन नहीं है मगर निरंतरता आवश्यक है। आप चाहे सर्वोत्तम छात्र बनना चाहते हो, सर्वोत्तम नौकरी पाने के लिए प्रयासरत हैं, चाहे आप एक सफल व्यवसाई बनना चाहते हैं या आप एक सर्वोत्तम खिलाड़ी की तरह अपना नाम जग में रोशन करना चाहते हैं—- तो बस आपको एक काम (One activity) ही तो करना है!
दुनिया के सैकड़ों सर्वोत्तम व्यक्तित्व जैसे अल्बर्ट आइंस्टाइन, अब्दुल कलाम आजाद,बिल गेट्स, सुंदर पिचाई और कपिल देव——- सबने बस इस काम (One activity) को किया और अपने क्षेत्र में दुनिया के सर्वोत्तम (Best) बनकर उभरे और अपने जीवन के दशा (change their life) को ही बदल दिया!
अगर आप सोचते हैं कि यह सारे सर्वोत्तम व्यक्तित्व जिन्होंने बस एक काम (One activity) किया वह अपने काम में जीनियस थे तो आप गलत सोच रहे हैं| अल्बर्ट आइंस्टाइन, अब्दुल कलाम आजाद,बिल गेट्स, सुंदर पिचाई और कपिल देव; सब कोई शुरुआत में औसत छात्र थे मगर उनकी एक काम (One activity) ने उन्हें उनके जीवन के शिखर तक पहुंचाया| और जानेंगे कि यह एक ऐतिहासिक सत्य है और कभी इसे नकारा नहीं जा सकता है| कहने का तात्पर्य बस इतना ही है की जीवन में सर्वोत्तम ऊंचाई तक पहुंचने के लिए जीनियस होना जरूरी नहीं है बस एक काम (One activity) निरंतरता से करना पड़ता है|
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और इस काम के बारे में आप सब कुछ जानते हैं—– अपने बहुतों से सुना है—– मगर इस काम को आपने अभी तक अपने जीवन में नहीं उतारा है इसलिए आपको आपका भविष्य अनिश्चित लगता है| यह एक काम है निश्चित डेली रूटीन! जितने भी महान व्यक्तित्व इस दुनिया में आए थे या मौजूद में हैं—— सबके जीवन को अगर आप टटोलेंगे—- तो आपको पता चलेगा कि उनके जीवन शैली में एक निश्चित डेली रूटीन था या है और इस डेली रूटीन के बलबूते पर यह सारे महान व्यक्तित्व के लोग अपने जीवन के पराकाष्ठा पर पहुंच पाए! कहा गया है कि रूम 1 दिन में नहीं बना था—– कहने का तात्पर्य है कि जीवन शैली में एक निश्चित डेली रूटीन को अपनाना एक या 2 दिन के प्रयास से नहीं होता है बल्कि यह एक निरंतर प्रयास है——- और इस काम को शुरू तो बहुत लोग करते हैं मगर कुछ एक लोग ही उनके जीवन शैली में निश्चित डेली रूटीन को संपूर्ण रुप से अपना पाते हैं—– और जो यह कर लेता है उसका जीवन सार्थक हो जाता है|यह एक सफर है औसत से जीनियस बनने का—- एक सफर है अनिश्चितता से निश्चित होने का! एक निश्चित डेली रूटीन बनाना तो बहुत आसान है मगर उस पर कार्यरत रहना थोड़ा मुश्किल है और धैर्य की जरूरत है|
निश्चित डेली रूटीन को अपनाने के लिए प्रयासरत होना ही काफी नहीं है बल्कि ऐसा कुछ करना है जिससे कि यह निश्चित डेली रूटीन आपकी आदत में शुमार हो जाए| इस कारण मैं इस ब्लॉग में 90 दिन के प्रयास का एक खाका खींच रहा हूं जिस पर अगर आप चलेंगे हर नियम का पालन करेंगे तो फिर 90 दिन में ही आपका निश्चित डेली रूटीन आपके आदत में शुमार होने लगेगा और आप अपने मंजिल के करीब पहुंच जाएंगे| सही जाने तो यह 90 दिन आपके दिमाग को ट्रेनिंग देने का एक रूपरेखा है जिससे इन 90 दिनों में ही आपका प्रयास धीरे-धीरे आपकी आदत में बदल जाता है| और सबसे अहम बात यह है कि आपका यह प्रयास अनायास होना चाहिए—- कुछ भी कठिन प्रक्रिया नहीं होना चाहिए केवल हर दिन की निरंतरता को बनाए रखने में आपको तत्पर रहने की आवश्यकता है—– इससे ज्यादा कुछ नहीं| तभी आपकी यह अनायास प्रयास धीरे-धीरे आपकी आदत में शुमार हो जाएगा|
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चलिए अब 90 दिन के प्रयास के ऊपर बात करें; जो प्रयास निश्चित डेली रूटीन को अपनाने के लिए आपका आदत बन जाएगा| काम अत्यंत सहज है मगर 90 दिनों तक अविचल होकर हर दिन के निश्चित डेली रूटीन के अनुसार काम को करना अत्यंत आवश्यक है और यही आपकी मुकद्दर की पहली और अंतिम सीढ़ी होगी| उदाहरण के लिए चलिए मान लेते हैं कि आप एक छात्र हैं और आपका गणित कमजोर है| आपको क्लास में सर्वोत्तम होने के लिए आपके किताब में दिए गए 960 सवालों पर आप की संपूर्ण पकड़ होना आवश्यक है| अर्थात अगले 12 महीने में आपको 960 गणित के सवाल को संपूर्ण रुप से सीखना है जिससे कि इस पर आधारित किसी भी सवाल का आप जवाब परीक्षा में सरलता से दे सकें| अर्थात गणित में आपका लक्ष्य हुआ 960 सवाल—- और इसे अगर 12 महीनों में विभाजित कर देते हैं तो आपको हर महीने 80 सवाल पर संपूर्ण पकड़ बनाना होगा—- इसी तरह महीने को अगर सप्ताह में विभाजित करते हैं तो हर सप्ताह आपको 20 सवाल संपूर्ण रूप से सीखना होगा—- ऐसे सीखना होगा कि आप हर हालत में उन सवालों पर आधारित किसी भी सवाल का जवाब परीक्षा में अति सरलता के साथ दे सकें| तो देखिए हमने आपके पूरे साल के गणित के लक्ष्य को सप्ताह के 20 सवाल के तैयारी के लक्ष्य में बदल दिया—– बस यही पहले आप को स्थिर करना है कि 1 साल बाद आप किस स्थिति पर होंगे और उस लक्ष्य को पाने के लिए प्रति सप्ताह आपको कितना मशक्कत करना होगा?इस तरह आप अपनी डेली रूटीन में हर दिन गणित के केवल 3 सवाल संपूर्णता के साथ सीखने की लक्ष्य को निर्धारित करते हैं और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर दिन तीन सवाल करने की बात को ठान लेते हैं और केवल 90 दिन तक बिना किसी विघ्न के आप प्रयासरत रहते हैं तो 90 दिन के बाद हर दिन 3 सवाल सीखना आपके आदत में शुमार हो जाता है—– अर्थात कुछ भी हो जाए हर दिन एक घंटा लगा कर केवल तीन सवाल सीखने का प्रण कर लेते हैं और 90 दिन तक अपने प्रण पर कायम रहते तो जान लें 1 साल के अंदर आप अपने क्लास में गणित में सर्वोत्तम हो जाएंगे| आप कितना गणित अभी जानते हैं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता—– आप एक औसत छात्र हैं या कमजोर छात्र हैं या मेधावी छात्र हैं—– हर दिन 3 सवाल को संपूर्ण रूप से सीखने का लक्ष्य आपको आपके गंतव्य स्थल तक हर हाल में पहुंचा देता है| यह एक ऐतिहासिक सत्य है नहीं तो एक आवश्यक साधारण छात्र अब्दुल कलाम आजाद नहीं बन सकता था|
उपरोक्त उदाहरण मैं केवल वस्तुस्थिति को समझाने के लिए दिया| निश्चित डेली रूटीन एक छात्र के लिए भी जितना सकते हैं; नौकरी के लिए प्रयासरत उम्मीदवार के लिए भी उतना सत्य है या व्यवसाय में ऊंचाई को पाने के लिए भी उतना ही सत्य है और साथ में किसी खिलाड़ी को भी अपने मुकाम पर पहुंचने के लिए उतना ही सत्य है| तो निष्कर्ष यह निकलता है कि पहले तय कर ले कि 1 साल बाद आप की स्थिति पर पहुंचेंगे—- 1 साल बाद आप जिस स्थिति पर पहुंचना चाहते हैं उसके लिए आपके पास क्या-क्या होना जरूरी है? इन चीजों को एक कागज पर लिखे क्योंकि यह लिखा हुआ मैटर आपको बीच-बीच में देखते हुए रहना है| अब 1 साल में जो जो आपको प्राप्त करना है उसे 12 से भाग देकर आप अपना मासिक लक्ष्य बनाते हैं| फिर उस मासिक लक्ष्य को 4 से भाग देकर सप्ताह के लक्ष्य में परिवर्तित करते हैं| फिर सप्ताह के लक्ष्य को 6 से भाग देकर प्रतिदिन के लक्ष्य में आकलन कर लेते हैं| इतना सब करने में आपको थोड़ी परेशानी तो जरूर होगी मगर जीवन के मंजिल को पाने के लिए यह करना अत्यावश्यक है| अब आप आपके मोबाइल में या कंप्यूटर में To Do List App को Install कर लेते हैं| प्रत्येक दिन रात को अगले दिन क्या क्या करेंगे उसे To Do List में लिख लेते हैं| इस लिस्ट में आप तीन कैटेगरी के कामों को सम्मिलित करते हैं—- पहला Urgent दूसरा Important और तीसरा Personal. Urgent कैटेगरी में आप अपने प्रति दिन के लक्ष्य को सूचीबद्ध करते हैं और साथ में उन कामों को भी सूचीबद्ध करते हैं जिसे दूसरे दिन के लिए छोड़ा नहीं जा सकता है| दूसरा Important कैटेगरी में उन कामों को सूचीबद्ध करते हैं जो आवश्यक तो है मगर अर्जेंट नहीं| तीसरा Personal में आप उन कामों को सूचीबद्ध करते हैं जिसे करने में आपको आनंद आता है -आप थकते नहीं हैं जैसे दोस्तों के साथ गप्पे लड़ाना, व्हाट्सएप फेसबुक पर चैट करना, घूमने जाना और तरह तरह के Personal काम| फिर से दोहराता हूं की कामों की यह सूची बद्धता जिस दिन करना है उसके पहले रात को करते हैं—- अर्थात हर दिन रात को To Do List में लिख लेते हैं कि कल आप urgent कामों में क्या-क्या करेंगे- और कितना समय लगाएंगे; फिर Important कामों में क्या-क्या करेंगे और कितना समय उसमें व्यतीत होगा| साथ ही साथ Personal कामों में कल आप क्या-क्या करेंगे| हर दिन सुबह उठकर सबसे पहले आप To Do List App में देखेंगे कि आपको क्या-क्या करना है और ध्यान देंगे कि पहले आपको urgent कामों को पूरा करना है—- फिर Important कामों को पूरा करना है और बचे समय में Personal कामों को पूरा करना है| 90 दिनों में प्रत्येक दिन आपको युद्ध स्तर पर निश्चित डेली रूटीन का पालन करना होगा| यहीं पर आपका Success या Failure होना तय होगा| 90 दिन एक बहुत बड़ा वक्त नहीं होता है और आप अपने इच्छाशक्ति से इन 90 दिनों में हर दिन आप अपने टारगेट को पूरा कर सकते हैं| मैं मानता हूं कि बीच में कुछ दिन ऐसे भी आएंगे जिस दिन किसी अनचाहे कारण के चलते आप अपने डेली रूटीन को पूरा नहीं कर पाएंगे| यह आपके साथ नहीं सबके साथ होता है| मगर याद रखेंगे कि अगर आप थोड़ा सा प्रयत्नरत रहते हैं तो उस दिन के Important कामों को चाहे पूरा ना कर पाए मगर थोड़ी सी कोशिश से आप अवश्य उस दिन के Urgent कामों को पूरा करने में सफल रहेंगे| सब कुछ निर्भर रहता है आपके इच्छाशक्ति पर|
90 दिनों का यह प्रयत्न का जायजा प्रत्येक 30 दिनों के बाद एक बार अवश्य करना चाहिए| अर्थात प्रथम 30 दिन व्यतीत होने के बाद आपको खुद आकलन करना होगा कि पिछले 30 दिनों में आपको जो मासिक लक्ष्य प्राप्त करना था उसमें आप कितना प्रतिशत सफल हुए| अगर किसी कारण से आप 70% से ज्यादा सफल नहीं हो पाए हैं तो आपके मासिक लक्ष्य को गहराई से देखना होगा और पता करना होगा कि आपके मासिक लक्ष्य निर्धारण में क्या कमी है जिसके कारण आप सफल नहीं हो पा रहे हैं और फिर अगले 30 दिनों के लिए अगर आपके मासिक लक्ष्य में थोड़ा बहुत फेरबदल करने की जरूरत है तो उसे अवश्य करें जिससे कि अगला 30 दिनों के मासिक लक्ष्य को आप संपूर्ण रूप से अर्जित कर पाएं| आप अपने मासिक लक्ष्य में तभी सफल हो पाएंगे जब आप दिन की निश्चित डेली रूटीन को सफलतापूर्वक अनुपालन कर पाएंगे| 90 दिन तक अगर आप बिना रुकावट के निश्चित डेली रूटीन के लक्ष्य को हासिल करते रहते हैं तो धीरे-धीरे इन 90 दिनों में आपका यह प्रयास आपके आदत में शामिल हो जाएगा और फिर हर हाल में जीत आपकी होगी| आप अवश्य मानेंगे की इस तरह के डेली रूटीन का पालन करना कोई असंभव काम नहीं है; बस जरूरत है धैर्य और संयम की, जिसे कोई भी अपने इच्छाशक्ति के बल पर प्राप्त कर सकता है।
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केवल एक विधि से गणित में किस्मत बदलें
क्लास में पढ़ाई समझ में नहीं आता तो क्या करें
कैसे सफलता से पढ़ाई करें
कैसे 90 दिन में तेजतरार बनें
कैसे याद रखें
Thanks Guru ji ? thanks ? super
Welcome dear