kaise jhatpat yad rakhe-कैसे झटपट याद रखें 100% best way

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  1. आत्मविश्वास और याद how to sharp mind
सदियों से यह बोला जाता है कि आप जैसे सोचेंगे वैसा ही बनेंगे| अर्थात हमारा दिमाग वैसा ही करता है जैसा हम दिमाग को करने के लिए बोलते हैं| अगर आप यह सोचते हैं कि आपको कुछ याद नहीं रहता है तो यकीन करें आपका दिमाग आपकी याद करने की विधि में बाधक बन जाता है| आत्मविश्वास इस मामले में एक अत्यंत important factor है| अगर आप में आत्मविश्वास नहीं होगा कि आप पढ़े हुए तथ्यों को याद नहीं रख पाएंगे तो सही में आपका याददाश्त कमजोर हो जाएगा| अतः आप जो पढ़ते हैं वह आपको याद रहे इसके लिए सर्वप्रथम जरूरी है कि आपमें भरपूर आत्मविश्वास हो कि जो भी आप पढ़ेंगे वह आपको याद रहेगा। इसलिए आज से नहीं बल्कि अभी से अपने आप से करना शुरू कीजिए मुझे सब याद रहता है, सब कुछ मुझे याद हो जाएगा,दूसरों के मुकाबले मेरा याददाश्त ज्यादा मजबूत है। हर दिन सोने से पहले कम से कम 5 बार खुद से इस बात को दोहराएं कि आपको सब कुछ याद रहता है और आंख बंद कर कुछ देर के लिए महसूस करने की कोशिश करें कि सही में आपको सब कुछ याद। फिर चमत्कार देखिए—- कुछ दिनों में ही आपको लगने लगेगा कि सब कुछ आपको याद रहने लगा है और आपकी याद शक्ति प्रबल होने लगी है।
  1. रिवीजन
पढ़े हुए तथ्यों को लंबे समय तक याद रखने का रिवीजन ही एकमात्र सहारा है। एक वैज्ञानिक सत्य को जान लें कि आप जो आज पढेंगे उसका 50% 1 दिन के अंदर आप भूल जाएंगे। चिंता ना करें यह समस्या केवल आपके साथ नहीं है बल्कि विश्व के 10 आदमियों से 9 आदमियों के साथ यही समस्या है और इस समस्या का निदान बस यही है कि आप पढ़े हुए तत्वों को 24 घंटे के अंदर एक बार अवश्य रिवीजन कर लीजिए। दूसरा रिवीजन 7 दिन के अंदर करें और तीसरा रिवीजन 30 दिनों के अंदर करें और इस 3 प्रयासों से आपको पढ़े हुए तथ्य लंबे समय के लिए याद रहेगी और परीक्षा हॉल में आपको अफसोस नहीं करना होगा।
  1. खुद का सही आकलन करें
क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का मस्तिष्क अलग तरह से काम करता है अतः रिवीजन के तरीकों में भी थोड़े बहुत फेरबदल की जरूरत होती है। वैज्ञानिक स्तर पर विद्यार्थियों को सात व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है और एक ऑनलाइन परीक्षण( जिसका लिंक मैं यहां पर दे रहा हूं) से आप पता कर सकते हैं आप किस श्रेणी के विद्यार्थी हैं और आपको चीजों को प्रभावी ढंग से याद रखने के लिए क्या-क्या जतन करना चाहिए। यह एक फ्री लिंक है जिसमें आपको कुछ सवालों का जवाब देना होता है और आपके जवाब से आपको पता चल जाता है कि आप किस श्रेणी के विद्यार्थी हैं और आपको प्रभावी रिवीजन करने के लिए क्या करना चाहिए।
  1. टाइम टेबल
90% विद्यार्थियों के लिए यह एक आम समस्या है कि उन्हें ना पढ़ने की वैज्ञानिक पद्धति का पता है, ना ही कोई फिक्स डेली रूटीन को अपनाते हैं जिससे पढ़ाई में ठहराव के जगह विखराव ज्यादा होता है। इसके लिए यह अत्यंत जरूरी है कि आप पढ़ने के सही पद्धति को जाने क्योंकि इस जमाने में पूरे विश्व में स्मार्ट लर्निंग को अत्यंत महत्व दिया जाता है। इस संदर्भ में मैंने एक लेख लिखा है—- कैसे पढ़ें? अगर अब वैज्ञानिक पद्धति से पढ़ते हैं तो पढ़ने में कम मेहनत करके आप ज्यादा फल पा सकते हैं। आपको एक चीज याद रखना है कि पढ़ना ही काफी नहीं होता है।—-पढ़े हुए तथ्यों को समयानुसार रिवीजन करके लंबे समय तक याद रखना जरूरी होता है— क्योंकि परीक्षा तक अगर हमें सारा चीज सही तरीके से याद रहता है तभी हम सर्वोत्तम मार्क्स के अधिकारी हो पाते हैं।
  1. पढ़ने की आदत
अगर आपको सफलता चाहिए तो सही तरीके से पढ़ने की आदत को आपको डालना होगा। किसी चीज को जानना और उसी चीज को आदत में शुमार करना दो अलग वस्तु है। किसी तथ्य को जानना एक सहज प्रक्रिया है मगर किसी प्रक्रिया को आदत में डाल लेना उतना सहज नहीं है। आप पढ़ने का फिक्स डेली रूटीन कैसे बनाएं और अपने आदत में शामिल कर लेंगे इस पर मैंने एक विस्तृत चर्चा किया है 90 दिनों में फिक्स डेली रूटीन को आदत में कैसे शुमार करें (जिसका लिंग आपको मैं आपके सुविधा के लिए यहां दे रहा हूं) आप इस उपरोक्त लेख को पढ़ें और उस पर अमल करते हुए 90 दिनों के अंदर अपने पढ़ाई शैली में फिक्स डेली रूटीन के सहारे अपनी आदत बना लें और सर्वोत्तम छात्र बन कर जीवन में उभरें।
  1. रुचि और चर्चा

आपने यह अवश्य महसूस किया होगा कि जिस विषय या काम में आपकी रूचि होती है उसे आप अच्छे से कर पाते हैं और आपको याद भी रहता है– जैसे कोई अगर क्रिकेट का फैन है तो उसे क्रिकेट के बारे में बहुत कुछ बिना मेहनत की याद रहता है और उस विषय पर दूसरों के साथ चर्चा भी करना पसंद करते हैं। जिस किसी को फिल्म देखने का शौक होता है उसे फिल्म के ऊपर चर्चा करने में भी मजा आता है।
अर्थात इस तथ्य से आप यह निष्कर्ष निकाल सकते है कि रूचि और चर्चा एक सिक्के के दो पहलू हैं और यह तथ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपने भी पाया होगा कि आपके पढ़ाई में कुछ विषय में आपकी थोड़ी बहुत रुचि रहती है और कुछ विषयों में आपकी पूरी भी रुचि नहीं होती है और उस विषय को पढ़ने में आपको मजा नहीं आता है बल्कि उस विषय को आप पढ़ने से कतराते हैं।
सही जानेंगे की यह केवल आपके साथ ही नहीं होता है बल्कि अधिकांश कमजोर छात्र के लिए इस तरह की समस्या अत्यंत आम है।अगर आपको रुचि नहीं है तो आप उस विषय में कभी महारत हासिल नहीं कर पाएंगे मगर परीक्षा में किसी विषय में बगैर महारत हासिल किए अच्छे मार्क्स नहीं लाए जा सकते हैं। यह सत्य है कि इस बात को आप भी जानते हैं मगर सवाल उठता है जो विषय आपको नापसंद है उस पर रुचि कैसे पैदा किया जाए।
हताश होने की कोई जरूरत नहीं है– इस समस्या का बहुत ही रोचक समाधान है और वैज्ञानिक तरीके से एक अचूक समाधान भी है। इस समस्या का समाधान मैं आपको एक उदाहरण के साथ समझाना चाहूंगा। जैसे कि मान लें आपको गणित करने से डर लगता है और गणित में आपकी कोई रुचि नहीं है। और यह समस्या तो प्रति 10 छात्र में 4 से 5 छात्र के साथ अवश्य होता है। आप के शिक्षक बोलते हैं कि गणित में रुचि पैदा करो तभी आप गणित सीख पाओगे मगर आपको यह समझ में नहीं आता है कि आप गणित में रुचि कैसे खुद-ब-खुद पैदा कर लेंगे। अगर आप एक छोटा सा ट्रिक अपनाएंगे तो 2 सप्ताह के अंदर आपको लगने लगेगा कि आपको गणित में रुचि आने लगा है। आपको बस इतना ही करना है कि हर दिन कोशिश करके गणित के 2 सवाल को सीख ले और फिर अपने किसी दोस्त के साथ उन दो सवाल पर चर्चा करें की सवाल का हल आपने कैसे किया है– क्या आपके दोस्त को कुछ और भी विधि पता है उन दो सवालों का दूसरे तरह से हल करने का। अगर आप इस तरह की चर्चा एक-दो दिन करके फिर छोड़ देते हैं तो आपके इस कोशिश का कोई रिजल्ट नहीं निकलेगा। मगर यह कोशिश अगर आप हर दिन करते हैं और 15 से 20 दिन तक हर दिन 2 नए सवाल पर चर्चा करते हैं तो आप आश्चर्य हो जाएंगे कि आपको गणित में रुचि पैदा हो गया है। इस सत्य को आप अपने जीवन में अपनाएं और चाहे गणित हो या कोई भी विषय हो चर्चा के द्वारा आप अपने अरुचि को रुचि मैं परिवर्तित कर लें और रूचि हीनता की समस्या से सदा के लिए छुटकारा पा जांए।
  1. समझ
समझ और याददाश्त में एक रिश्ता होता है और यही कारण है कि अगर किसी चीज को हम समझ पाते हैं तो उसे याद करने में आसानी होता है। दूसरे तरह से हम इसे इस प्रकार भी बोल सकते हैं कि, हमारा दिमाग हर तार्किक चीज को अच्छे से याद रख पाता है। जब हम किसी विषय को तभी समझ पाते हैं जब हमारे पास स्पष्ट हो जाता है कि तथ्य की हर क्यों और कैसे का तार्किक जवाब हमारे दिमाग के पास होता है।
इस कारण विषय चाहे इतिहास हो, भूगोल हो, अंग्रेजी ग्रामर हो- क्यों और कैसे के तर्क से हमारे दिमाग के पास स्थितिया स्पष्ट हो जाती है- और चीजों को हम अनायास याद कर लेते हैं। मगर किसी विषय को अगर बिना समझे हम रट्टा मारने की कोशिश करते हैं तो हमारे तार्किक दिमाग के पास क्यों और कैसे का सही जवाब उपलब्ध नहीं होता है जिसके कारण तथ्यों को याद रखने में हमें असुविधा होता है।
अगर हम गणित का जिक्र करते हैं तो जान ले गणित में किए गए स्टेप्स के तर्क जब हमारे दिमाग में सही रूप में समझ आता है तभी हम गणित को सफल तरीके से कर पाते हैं। यह एक वैज्ञानिक सत्य है और इसे नकारा नहीं जा सकता है अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि किसी विषय में महारत हासिल करने के लिए उस विषय के तथ्यों को याद रहना जैसे जरूरी होता है उसी तरह बिना समस्या या तर्क के हम किसी चीज को रट्टा मार कर ज्यादा दिन तक याद नहीं रख पाते हैं। अर्थात जिस विषय को हमें याद रखना है उस विषय को हमें समझना भी काफी जरूरी है क्योंकि याद और समझ एक दूसरे से ओतप्रोत रूप से जुड़े हुए हैं।
  1. पुनरावृति पढ़ाई

जिस लेसन को आपको याद करना है उसके प्रत्येक पैराग्राफ को एक दो बार पढ़ें फिर आंख बंद कर खुद से बोलने की कोशिश करें कि उस पैराग्राफ में मुख्य बिंदु क्या क्या है। अगर आपको इस तरह बोलने में असुविधा हो रहा है तो उस पैराग्राफ को फिर पढ़ें फिर आंख बंद कर खुद से बोलने की कोशिश करें और तब तक उस प्रक्रिया को दोहराएं जब तक आपको यह एहसास नहीं हो जाए की आप उस पैराग्राफ को सही तरीके से बोल पा रहे हैं। इस तरह पैराग्राफ दर पैराग्राफ पढ़कर और खुद से बोल कर संपूर्ण लेशन को तैयार करें। यह एक स्मार्ट लर्निंग प्रोसेस है और विश्व के सारे उन्नत देशों में इस विधि को अपनाया जाता है और इसमें किसी विषय को सही सलामत याद करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करना पड़ता है। मैं यहां पर विकिपीडिया का एक लिंक दे रहा हूं जिससे आप पुनरावृति पढ़ाई के बारे में और अच्छी तरह समझ पाएंगे।
  1. खुद की ऑडियो क्लिप

यह एक अत्यंत सशक्त विधि है और इस विधि को अपनाने में आपको काफी मजा भी आएगा। जब अब किसी लेशन को पुनरावृति पढ़ाई विधि के अनुसार संपूर्ण रुप से तैयार कर लेते हैं तो फिर अपने मोबाइल की रिकॉर्डिंग से उस लेशन के मुख्य बिंदुओं को पैराग्राफ दर पैराग्राफ खुद रिकॉर्डिंग कर ले। ऐसा करना कमाल का होता है क्योंकि बाद में रिवीजन के वक्त जब आप खुद की ऑडियो क्लिप सुनते हैं तो सारा लेशन आप आंख बंद कर देख पाते हैं और महसूस कर पाते हैं। यह प्रक्रिया इतना सशक्त है की इसके भरपूर इस्तेमाल से कठिन से कठिन विषय वस्तु को बड़े आसानी के साथ आप अपने याददाश्त में ताजा रख पाते हैं और परीक्षा में अत्यंत सफलतापूर्वक मार्क्स हासिल कर पाते हैं। इस विधि को आप जरूर अपनाएं क्योंकि यह आपके लिए एक रामबाण साबित होगा।
एक सत्य को जाने की इतिहास गवाह है जितने भी प्रतिभाशाली व्यक्ति इस विश्व में अपने को सर्वश्रेष्ठ साबित किया उनमें से अधिकतर अपने छात्र काल में एक औसत छात्र हुआ करते थे चाहे आप आइंस्टाइन को याद करें या अब्दुल कलाम आजाद को। मगर उन सब ने अपने दिमाग के वैज्ञानिक रहस्य को समझा और एक निश्चित डेली रूटीन के तहत प्रयत्नरत बने और जीवन के सर्वोच्च ऊंचाई पर पहुंचे। जमाना बदल चुका है—– पढ़ने की सही विधि क्या होना चाहिए इस पर वैज्ञानिकों ने काफी शोध किए हुए हैं अतः हमें भी दकियानूसी विधि से पढ़ने के प्रयत्न से बचना चाहिए क्योंकि उसमें मेहनत तो काफी होता है मगर सफलता कम हासिल होता है।स्मार्ट लर्निंग के बहुत सारे विधियां हैं और सब पर चर्चा करना इस छोटे से लेख में संभव भी नहीं है अतः मैंने यहां केवल उन विधियों का ही चर्चा किया है जिसे आप अति संस्था के साथ अपना सकते हैं और अपने पढ़ाई को लंबे समय तक याद रख कर परीक्षा में ज्यादा से ज्यादा मार्क्स लाने में सफल हो सके।

All Basics

Math Arithmetics Basic (मैथ अंकगणित बेसिक)
Trigonometry Basic(त्रिकोणमिति बेसिक)
Algebra Basic(बीजगणित बेसिक)
Mensuration Basic (क्षेत्रमिति बेसिक)
Geometry Basic(ज्यामिति बेसिक)

अंकगणित चैप्टर

Time & Work (समय और काम)
Average (औसत)
Percentage (प्रतिशत)
Profit & Loss (लाभ और हानि)
Age (उम्र पर आधारित सवाल)
LCM & HCF (ल0स0 और म0स0 पर आधारित सवाल)
Number System (संख्या पद्धति)
Ratio (अनुपात)
Mixture & Alligation (मिश्रण)
Time & Distance (समय और दूरी)
Train (रेलगाड़ी पर आधारित सवाल)
Boat (नाव पर आधारित सवाल)
Statistics (सांख्यिकी)
Data Interpretation (सम्यकों की ब्याख्या)
Simple Interest (सरल ब्याज)
Compound Interest (चक्रवृद्धि ब्याज)
Partnership (साक्षेदारी)
Simplification (सरलीकरण)

Advance Math

Mensuration (क्षेत्रमिति)
Geometry(ज्यामिति)
Algebra(बीजगणित)
Trigonometry(त्रिकोणमिति)

General Awareness

Regular

NTPC Special
RPF
Railway Gr D
SSC GD
SSC CGL
SSC CHSL
SSC CPO
SSC Stenographer
SSC Multitasking
Police
Daroga
Forest Guard

BSF Constable
BSF Head Constable
ICG Navik
NDA
Patwari